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आओ सोने की चिड़िया को फिर बनाते हैं ।
चलो अब चिड़िया को बाज बनाते हैं ।

उद्देश्य

गौ मातरम का मुख्य उद्देश्य शिक्षा और साक्षरता का प्रसार है । भारतवर्ष और संपूर्ण विश्व में आज भी करोड़ों की जनसंख्या साक्षर नहीं है । सरकार अपनी तरफ से शिक्षा और साक्षरता के प्रयास में प्रयास कर रही है परंतु जो विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में जाते हैं वह हर रोज स्कूल नहीं जा पाते क्योंकि उनको घर की धन अर्जन की गतिविधियों में भी हाथ बटाना पड़ता है। जैसे मजदूर, किसान, आदिवासी, नक्सल प्रभावित स्थान में रहने वाले परिवारों के बच्चे

माध्यम

गौ मातरम एक इंटरनेट पर वीडियो का एक मंच तैयार करना चाहता है जिससे पहली कक्षा से दसवीं कक्षा तक पाठ्यक्रम के अनुसार हर कक्षा के हर विषय के हर पाठ के हर प्रश्न को विस्तारपूर्वक समझाया जाएगा। उन्नत कक्षाओं अर्थात दसवीं के बाद की कक्षाओं का भी विस्तार पूर्वक शिक्षण भी वीडियो के माध्यम से किया जाएगा। गौ मातरम का प्रयत्न रहेगा कि नवीन युग के शिक्षा संबंधी नवीन परीक्षणों और नवीन प्रौद्योगिकी का ज्ञान भी छात्रों को दिया जाए।

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गौ मातरम का मुख्य उद्देश्य शिक्षा और साक्षरता का प्रसार है ।

एक मंच

गौ मातरम एक ऐसा मंच तैयार और विकसित करना चाहता है जिसके माध्यम से ऐसे बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ पाए। अपने पाठ्यक्रम में वे चीजें भी समझ पाए जो छूट गई हैं या समझ नहीं आई है या वह पढ़ नहीं पाए हैं।

राष्ट्रीय उत्थान

शिक्षा किसी भी राष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है। शिक्षित देशवासी देश के उत्थान और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में विकसित राष्ट्र बहुआयामी प्रगति तीव्र गति से कर सकता है जैसे विज्ञान, रक्षा, जीवन स्तर, व्यापार, तकनीक, अर्थव्यवस्था, नागरिक शांति, दूरभाष, संचार और परिवहन, प्रकृति और पर्यावरण इत्यादि । शिक्षित और समझदार देशवासी एक मजबूत देश की नींव है।

महिला उत्थान

भारतवर्ष और संपूर्ण विश्व में एक महिला एक दूसरे दर्जे की नागरिक बन गई है। आज भी कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां लड़की विद्यार्थियों को पढ़ाई के बीच में ही उठा लिया जाता है और उन को पढ़ने का अवसर नहीं मिल पाता। विद्या और साक्षरता के अभाव में एक महिला को अपने अधिकारों और अवसरों से दूर होना पड़ता है। दूरदराज के क्षेत्रों में यह समस्या और भी अधिक व्यापक है। हमारा उद्देश्य दूरदराज के क्षेत्रों में शिक्षा का प्रसार करना है।

आदिवासी उत्थान

आज भी ऐसे दूरदराज के क्षेत्र हैं जहां आदिवासी रहते हैं और वहां शिक्षा का प्रचार-प्रसार नहीं हो पाया है। अपितु वहां के लोग अधिक संख्या में बिल्कुल निरक्षर हैं और आधारभूत शिक्षा से वंचित हैं। गौ मातरम चाहता है कि आदिवासी भी देश की प्रगति में एक कारक बनें।

अस्वछता और जल जनित बीमारियां

शिक्षा के अभाव में देश का बड़ा हिस्सा जल और स्वच्छता के कारण उत्पन्न हुई व्याधियों से पीड़ित है। शिक्षा के प्रसार से और जागरूकता से इन सब से भी इस हिस्से को बचाया जा सकता है

सरकारी योजनाओं की जानकारी

शिक्षा के अभाव में गरीब पिछड़े किसान इत्यादि जनसंख्या को जानकारी नहीं होती कि सरकार उनके उत्थान के लिए क्या-क्या योजनाएं उन तक पहुंचा रही है। शासन और प्रशासन कैसे उनके और उनके क्षेत्र को प्रगति प्रदान कर सकता है सरकार अपना कार्य कर रही है अगर नागरिक शिक्षित है तो प्रगति के कार्य में तीव्रता लाई जा सकती है

रोजगार और जीवन स्तर

निरक्षरता के कारण व्यक्ति को कम मजदूरी और कम व्यक्तिगत आय में गुजारा करना पड़ता है। साक्षर और शिक्षित व्यक्ति बेहतर रोजगार कर सकता है, बेहतर नौकरी पा सकता है, नया स्वरोजगार स्थापित कर सकता है, और बेहतर तरीके से अपने स्वरोजगार को उन्नति दे सकता है।

शिक्षा और साक्षरता का उपयोग बहुत अधिक है इसे वर्णन करना बहुत ही कठिन है। परंतु आप एक समझदार नागरिक हैं। आप इसके बारे में जानते हैं। गौ मातरम का यह एक छोटा सा प्रयास है। आओ मिलकर इसे सफल बनाते हैं।